रिश्ते नाते प्यार को,ले डूबा ये फोन। सारे इसमें व्यस्त हैं,किसका है अब कौन। रिश्ते नाते प्यार को,ले डूबा ये फोन। सारे इसमें व्यस्त हैं,किसका है अब कौन।
बार-बार मचल जाता है ये मन "कितना मधुर था बचपन"। बार-बार मचल जाता है ये मन "कितना मधुर था बचपन"।
दो ज़िस्म एक, चारों ओर ताप , बँधन से परे, प्यार एक एहसास। दो ज़िस्म एक, चारों ओर ताप , बँधन से परे, प्यार एक एहसास।
क्योंकि आया बसंत है। क्योंकि आया बसंत है।
इसलिये ही हर घर के किवाड़ में, दिखता है सिर्फ़ एक ही पल्ला ! इसलिये ही हर घर के किवाड़ में, दिखता है सिर्फ़ एक ही पल्ला !
सावन के मौसम में कवि को अपनी प्रियतमा की याद आती है और वे उससे मिलने के लिए बेताब हो उठते हैं। वे उ... सावन के मौसम में कवि को अपनी प्रियतमा की याद आती है और वे उससे मिलने के लिए बेत...